जातिवाद हिन्दू धर्म नहीं है; इसको हर जगह ट्रोल करें।

संबितपात्रा का कहना है गोबर कोहिनूर हिरा है।इसलिए ये कोहिनूरपात्रा है।कोहिनूर=गोबर;इसलिए ये गोबरपात्रा है।ये ज्ञान उनको गोबर और गोमूत्र पि कर ही प्राप्त हुआ है,तो अंधभक्तो हमेशा ये दो सेवन करते रहो।

बहुदेववाद जातिवादी लोग हिन्दू नहीं है और ये असलियत में हिन्दू विचारधारा का कातिल हैं। हिन्दू बौद्धवादी होते हैं जातिवादी नहीं। हिन्दू महासभा और RSS हिन्दू नहीं जातिवादी संगठन हैं।

बहुदेववाद जातिवादी के प्रमोटर्स और उनके बेईमान इतिहाशकार इंडियन पीढ़ियों को हमेशा भ्रष्ट इतिहास बताया और पढ़ाया। बौद्ध विचारधारा ही सत्य के साथ जुड़ा है और ये ही हिन्दू बनाम सनातन धर्म है।

सनातन सत्य के साथ जुड़ा हुआ है।सत्य से सना जिसका तन हो वह है सनातन।जातिवादियों का कास्ट एक काल्पनिक चरित्र परुष से पैदा हुआ है जो परुष शुक्त10.90में वर्णित है और झूठ से जुड़ा है इसलिए ये मिनातन धर्म है

हिन्दू महासभा और RSS के इन्ट्रैक्चुअल्स मुर्ख हैं और उनको हिन्दू का मतलव भी पता नहीं है और ये हिन्दू संगठन नहीं जातिवादी संगठन हैं। ये असलियत में हिन्दू राष्ट्र नहीं जातिवादी राष्ट्र बनाना चाहते हैं।

ना सावरकर जानता था ना मोहनभागवत जानता है हिन्दू क्या है;ये हिन्दू बनाम बौद्ध धर्म का कातिलों की पीढ़ियां है,हिन्दू का मतलब पता नहीं बना दिया हिन्दू महासभा और RSS;ये जातिवादी हिन्दू शब्द का चोर हैं।

हिन्दूशब्द संस्कृतसे पैदा शब्द नहीं बौद्ध भाषा पालीशब्द सिन्धुसे पैदा एक शब्द है जिस का मतलव नदी,सागर या समुद्र होता है,सिन्धुथान का मतलव सागरों से घिराहुआ नदियों का भूखंड और हिन्दू इसमें बसनेवाले लोग

ये लोग झूठे और मक्कार हैं। यहाँ पर सिन्धु शब्द का परिक्षण करें : http://dictionary.tamilcube.com/pali-dictionary.aspx

RSS और BJP उस पूर्वजों के विचारधारा को रिप्रेजेंट करते जिन असामाजिक मुलनिवासियोंने यहाँ के प्रमुख विचारधारा बौद्ध विचारधारा को छल और बल से ख़तम करके हर भाषिय सभ्यता को जातिवादी बनादिया।

RSS का धर्मान्धता, कट्टरता रूढ़िवादी अलगाववाद और जातिवादी विचारधारा देश का अखंडता केलिए खतरा है; इसको जितना जल्द हो ब्यान करना जरुरी है। देश केलिए कई सरकारी और बेसरकारी संगठनें हैं इनकी कोई जरुरत नहीं।

बुद्ध का मातृभाषा पाली था और अतीत का पाली आज का ओड़िआ भाषा है यानि ये डाइरेक्ट प्रमाण करता है बुद्ध ओड़िआ थे। लेकिन बेईमान पात्रा अपना भूमिपुत्र का साथ नहीं उसके बौद्ध विरोधी के साथ खड़ा है।

जातिवादी बौद्ध विरोधियों ने बुद्ध को एलोइस एंटोन फ्यूहरर के जरिये नेपाली बताया और जो बौद्ध विचारधारा को हिन्दू कहाजाता था जातिवाद को ही ये बेईमान हिन्दू बताया जब की ये हिन्दू धर्म का कातिल हैं।

जातिवादीयों ने यहाँ के बहु भाषिया सभ्यता को अपने काल्पनिक क्लास कास्ट सिस्टम से तोडा और जो पूर्वज इनके विचारधारा का विरोधी थे उनको आउटकास्ट, अछूत और दलित बनादिया जो बाद में अन्य धर्म अपनालिये ।

ये ओड़िआविरोधी बेईमान पात्रा के पीछे जो तथाकथित जगन्नाथ मूर्त्ति है ये असलियत में एंटी कास्ट आइडोल है जो ऋग वेद का परुष शुक्त 10.90 का विरोध करता है। बुद्ध का नाम ही जगन्नाथ है।

जैसे हर भाषिय सभ्यता में ठग मिलेंगे और ठग का गठबंधन को आप कोई भी नाम दे सकते हो वैसे ही वर्ण व्यबस्था एक काल्पनिक क्लास है जिस में सेम प्रबृत्ति के लोग विचारधारा के पिंजरे में फसे हुए हैं।

जातिवाद में कश्मीर ब्राह्मण का तामिल ब्राह्मण से कोई रिस्ता नहीं सीबाये एक वैचारिक क्लास अडॉप्शन के ये संगठित होकर मतलववाद का गेम खेलते आ रहे हैं।

जातिविरोधी पूर्वजों की पीढ़ियां को जो आउटकास्ट बनादिये गए थे और जो कई मुस्लिम बनगए वह भी विदेशी वैचारिक पिंजरे में फसे हुए हैं; पाकिस्तान का पंजाबी मुस्लिम से तेलंगाना मुस्लिम का कोई रिस्ता नहीं है।

इंडिया का एक प्रान्त का ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र के साथ दूसरा भाषिय सभ्यता का ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र का कोई रिस्ता नहीं सीबाये एक काल्पनिक क्लास के जो मानवधिकार उलंघन करता है।

संबितपात्रा महाराष्ट्रियन चितपावन ब्राह्मणों का कन्ट्रोलड RSS का चमचा है यानि जो अपना ओडिशा का भूमिपुत्र बुद्ध का विरोधी हैं उनकी गुलामी और चमचागिरी करता है और यहाँ उनकेलिए वकील बना हुआ है।

धार्मिक विचारधारा से विकृत कोई भी अपराधी हो उसको मानवता का दुश्मन समझा जाये;बिना पक्षपात के उसको लॉऑफ़दल्यांड के अनुसार तुरंत सजा दियाजाए;वह इस्लाम का अंधभक्त हो या जातिवादी अंधभक्त दो भी खतरनाक हैं।

इन्डियन्स की करीब 111 करोड़ जातिवादियों को “जातिवाद या जातिविरोधी” में एक को चुनना पड़ेगा । वर्ल्ड में 650 करोड़ से ज्यादा लोग बिना जातिवाद का जीते हैं तो इन्डियन्स को इसकी जरुरत क्यों है?


जातिवाद ने बौद्ध विचारधारा और इस भूखंड में पैदा जितने भी रेसिओनाल विचारधारा बने उसकी हत्या किया। वही काम आज RSSऔर BJP करते हैं जब की कांग्रेस प्रच्छन बनकर किया; इसलिए ये सब सुपर पाखंडी संगठन है।


जातिवाद और ब्रहमणों का सरंक्षण जरुरी ऐसे अलगाओवादी सोच कैसे हिन्दू हो सकता है?जिसको हिन्दू शब्द का ओरिजिन ही पता नहीं वह चला रहा है हिंदूमहासभा और RSS?


RSS और BJP का हिंदुत्व; हिन्दित्व नहीं जातिवाद है । ये जातिवादी राष्ट्र बनाना चाहते हैं ये खुद सावरकर ने अपना “हिन्दुत्व: में हिन्दू क्यों हूँ” में ये कहा है। –हिंदुत्व


RSSऔरBJP का पिता सावरकर का “हिन्दुत्व: में हिन्दू क्यों हूँ” में कहना है की ब्राह्मण और वेद यानि जो ऋगवेद पुरुष शुक्त 10.90 में जातिवाद क्या है बोलता है उसकी सरंक्षण जरुरी है;ये पाखंड नहीं तो क्या है?


हिन्दू जातिवादी नहीं बौद्धवादी होते हैं। हिन्दू बौद्ध भाषा पॉलि से पैदा एक शब्द है इसका संस्कृत या वेद से कोई रिस्ता नहीं। जातिवादी यहाँ के बौद्धवादी बनाम हिन्दू को कॉनवर्ट करके जातिवादी बनाया है।


जातिवादी बहुदेववाद विचारधारा प्रमोट करनेवाले असलियत में हिन्दू सभ्यता का कातिल हैं; और जातिवाद को हिन्दू नाम से प्रोमोट करके ये सदियों हिन्दुओं को धोका और ठगते आरहे हैं; ये जातिवादी नकली हिन्दू हैं ।


हिन्दू महासभा, RSS, ABVP जितने भी सो कॉल्ड आज के हिन्दू संगठन हैं ये सब जातिवादी संगठन हैं यानि ये नकली हिन्दू हैं। गैरजातिवादी और जातिविरोधियों का उत्पीड़न के कारण लोग कन्वर्ट होते आ रहे हैं।


हिन्दूशब्द संस्कृतसे पैदा शब्द नहीं बौद्ध भाषा पालीशब्द सिन्धुसे पैदा एक शब्द है जिस का मतलव नदी,सागर या समुद्र होता है,सिन्धुथान का मतलव सागरों से घिराहुआ नदियों का भूखंड और हिन्दू इसमें बसनेवाले लोग


जैसे सिन्धुथान->सिन्धुस्थान->हिंदुस्थान है; वैसे जाने अनजाने में सही ये “इंडिया” भी सिन्धु शब्द से पैदा एक शब्द है जैसे सिन्धु->शिन्धुस/शिन्धस->इंडस->इंडिया जो यूरोपियन अपभ्रंश है।


इंडिया और हिन्दुस्थान का मतलव एक ही है यानि सागरों से घिरा नदियों का भूखंड जो बौद्ध भाषा पाली से सम्बंधित है और सेकुलर है यानि ये ऑलरेडी हिन्दू राष्ट्र ही है ।


जातिवादी सोच यहाँ के डाकू,चोर,ठग,बेईमान जैसे असामाजिक लोगोंके गठबंधन बौद्ध धर्ममें शामिल होना उसको तोड़ना और असामाजिक लोगों के हाथमें साशन देने का विचारधारा के बेसपर आधारित है।ये इलाइट नहीं एभील हैं।


जातिवादी को प्रमोट करनेवाले ब्राह्मण में 3 तरह का निवासी हैं;जिन्होंने ये विचारधारा बनाया,जो बौद्ध सन्यास मौत के डर से या लोभ से इसमें शामिल हुए,धूर्त्त जो चोरीछुपे शामिल होकर इस क्लास का फ़ायदा उठाया


जितने शंकराचार्य, मठधीश्वर, साधुसंत, बाबा जातिवाद का समर्थक है वह सब यहाँ का हिन्दू/बौद्ध सभ्यता का कातिल हैं और ये उनकी गुरु शिष्य परम्परा के चमचियत से पीढ़ी दर पीढ़ी चलता आ रहा है।


हमसे बौद्ध विचारधारा लेकर चाइना और जापान कहाँ है खुद सोचो और जातिवादी हम को बनाकर धूर्त्तों ने भूखंड का क्या हाल किया वह भी देखो। ये अगर जिन्दा रहा आनेवाला पीढ़ियों का क्या होगा उसको भी सोचो।


700AD के बाद हमारे भूखंड के लोग ही जातिवाद के कारण ज्यादा इस्लाम बनें; पाकिस्तान, इंडिया और बांग्लादेश का मुस्लिमों को मिलाओ तो ये करीब 55 करोड़ पार करलेंगे जो अरबिक वर्ल्ड से भी ज्यादा हैं।


जातिवाद और इस्लाम के उत्पीड़न के कारण 16 वीं शताब्दी में सिख धर्म पैदा हुआ और हमारे अब ३ करोड़ लोग सिख बनगए हैं और 16 वीं शताब्दी के बाद करीब ३ करोड़ ईसाई भी बनचुके हैं ।


इंडिया को अगर चाइना, जापान जैसे आगे बढ़ाना है तो लोगों को धर्मांध नहीं “नैतिकतावादी और विज्ञानवादी” बनाना जरुरी है; अंधभक्त नहीं।

सावरकर बोलते हैं “Hindu glory is evident in the preservation of the Vedas and Shastras, the protection of Cows and Brahmins” ये है इनकी वर्ल्ड इज वन फॅमिली। 😂😂😂😂😂

गाँधी जी और सावरकर की आज चर्चा क्यों हो रही है? सावारकर “हिंदुत्व” में लिखते हैं वेद यानि पुरुष शुक्त यानि वर्णवाद और ब्राह्मण की प्रोटक्शन जरुरी है और RSS समानता का बात करता है? ये लोग सुपर पाखंडी हैं।

सावरकर का “हिन्दू” खुद का एक अपना डेफिनेशन था “A HINDU means a person who regards this land of BHARATVARSHA, from the Indus to the Seas as his Father-Land that is the cradle of his religion.”

सावरकर का “हिन्दू” खुद का एक अपना विकृत डेफिनेशन था उनका लेख में ना हिन्दू शब्द का उत्पत्ति कहाँसे हुआ वह बताया है;ना सिन्धु शब्द का मतलव उनको पता था और चले हिन्दुत्व सीखाने,अरे ये पूरा गौब्रान्डु था

सावरकर खुद लिखा है ये भूखंड “Nation of Sapta Sindhus” है यानि सात सिन्धु का देश है; जहाँपर सिंधु एक पाली शब्द है और बौद्ध विचारधारा से सम्बंधित है सिंधु का मतलब नदी, सागर या समुद्र होता है।

हिन्दूशब्द संस्कृतसे पैदा शब्द नहीं बौद्ध भाषा पालीशब्द सिन्धुसे पैदा एक शब्द है जिस का मतलव नदी,सागर या समुद्र होता है,सिन्धुथान का मतलव सागरों से घिराहुआ नदियों का भूखंड और हिन्दू इसमें बसनेवाले लोग

जैसे सिन्धुथान->सिन्धुस्थान->हिंदुस्थान है; वैसे जाने अनजाने में सही ये “इंडिया” भी सिन्धु शब्द से पैदा एक शब्द है जैसे सिन्धु->शिन्धुस/शिन्धस->इंडस->इंडिया जो यूरोपियन अपभ्रंश है।

इंडिया और हिन्दुस्थान का मतलव एक ही है यानि सागरों से घिरा नदियों का भूखंड जो बौद्ध भाषा पाली से सम्बंधित है और सेकुलर है यानि ये ऑलरेडी हिन्दू राष्ट्र ही है ।

RSS के धूर्त्त और मूर्खमंडली देश को असलियत में हिन्दू राष्ट्र नहीं जातिवादी राष्ट्र बनाना चाहते हैं वह भी हिन्दू शब्द का अर्थ बदलकर; यानि इसका अर्थ को जातिवादी बनाकर ।

सावरकर का मूर्खता और पागलपन बौद्धविरोधी सोचका हद तब हदसे ज्यादा गुजरता है जब वह अपना लेखमें बोलता है बौद्ध धर्म एक बिदेशी धर्म है जबकी बुद्ध ओडिशा का ही थे और ये यहाँके बौद्ध विरोधियोंने हमेशा छुपाया

सावरकर एक बौद्धविरोधी इंसान था जबकी ये भूखंड असलियत में बौद्ध राष्ट्र ही था।बौद्ध विचारधारा ही सनातन और हिन्दू विचारधारा है जब की उसका पूर्वज बौद्धविरोधी जातिवादी और हिन्दू बनाम बौद्ध धर्म का कातिल थे

जातिवादियों ने बौद्ध जातक कथा से राम,कृष्ण,भरत/भारत इत्यादि कई चरित्र का चोरी किया और उनको अपने स्वार्थ के हिसाब से प्रस्तुत करके बौद्ध धर्म से कन्वर्ट हुए जातिवादियों के ब्रेनवाश केलिए इस्तेमाल किया।

सावरकर बोलता है “All of the sects of religion belonging to the Sindu traditions are called Vaidik Dharma” यानि ऋगवेद का पुरुष के बॉडी पार्ट से हम सब पैदा हुए हैं। ये मानसिक विकृति का नशा करता था ।

जातिवादी प्रमोटरों का शातिराना देखो जो “सिंह/सिं/Singh सरनेम वाले बौद्धविचारधारा का रक्षक हुआ करते थे अब जातिवादी प्रमोटरों का चमचे बन बैठे है ।

सिंह बौद्ध विचारधाराका प्रतिक है; वह अशोका स्तम्भ हो या बौद्ध मंदिर के सामने सिंह का प्रतिक हो, या हमारा न्यसनाल एमब्लिम चार सरवाला सिंह हो; हाथी, कमल और सिंह ये बौद्ध धर्म का प्रमुख प्रतिक है।

सिन्धुथान का अपभ्रंश हिन्दुस्थान है। हिन्दू पाली शब्द सिन्धु से पैदा एक शब्द है और “थान” भी पाली शब्द है जिसका मतलब प्लेस यानि जगह है। थान ना पर्सियन शब्द है ना आरबिक शब्द है।

ये लो अंधभक्तों सावरकर की “हिंदुत्व: हिंदू कौन है?” जो RSS की संस्थापक दस्तावेज यानि RSS का शास्त्र है; जिसको गपोड़वाज घालमेल ज्ञान भी बोल सकते हो:हिंदुत्व

वेद क्या गुजराती में लिखा गया था? तो जो RSS का बाप सावरकर अपने हिंदुत्व में लिखता है वर्ण और ब्राह्मण की रक्षा होना चाहिए उसकी चमचियत एक गुजराती PM कर क्यों रहे हैं ?

मोहन मधुकर भागवत का जन्म मराठी भाषी सभ्यता में हुआ था। अब ये सरफिरा पागल ये बोलने की कृपा करेंगे ऋग वेद क्या मराठी भाषा में लिखा गया था? वेद का पुरुष शुक्त वाला करहड़े ब्राह्मण ये कैसे बने?

कांग्रेस का महान आत्मा गाँधी जी ने अपना ब्रह्मचर्य को प्रुभ करने केलिए अंडर एज भतीजी के साथ नंगा सोया करते थे 😂😂😂😂😂😂

BJP का महान आत्मा सावरकर बोलते थे बलत्कार परोम धर्म है और ये एक राजनैतिक टूल है; बलत्कार करो धर्म ही धर्म है; इसलिए आप BJP को बलात्कारी जातिवादी पार्टी भी बोल सकते हो।

इंडिया का सबसे बड़ा नौंटकीवाज क्रुक पोलिटिसियन गांधीजी थे। हमारे लोगों को अहिंशा का गलत मतलव बताकर लोगों नपुंशक और कापुरुष बनाया करते थे जिसका फ़ायदा अंग्रजों को हुआ करता था ।

अहिंशा का सिक्ष्या बौद्ध विचारधारा सिखाता है जिसका मतलव ये है की अपने ताकत का कभी दुरुपयोग मतकरो यानि कभी ऑफेंसीभ मत बनो इसका मतलब ये नहीं सेल्फ डिफेन्स या आत्म रक्षा करने केलिए बल का प्रयोग ना करो।

अगर बौद्ध विचारधारा में अहिंशा का मतलब नपुंसक या कापुरुष होना होता तो वह क्या शाओलिन जैसे सेल्फ प्रोटेक्सन का विद्या भी निकालते।गाँधीजी एक जातिवादी नेता थे और कांग्रेस भी प्रच्छन जातिवादी हमेसा रहा

गांधीजी की हत्या के पीछे गहरा साजिस था जिस में सावरकर की अलगाओवादी सोच के साथ साथ भी कोई और था जिसने सावरकर को यूज किया और कॉन्ट्रेक्ट किलर गोडसे ने अपना मास्टर सावरकर की कहनेपर उनकी हत्या किया।

जातिवादी “विचारधारा चोर” हैं। जातिवादी हिन्दू नहीं है। बौद्धवादी हिन्दू है। जातिवादियों ने बौद्धवादियों को छल और बल से जाती में बांटा जिससे इंडिया का सब प्रोब्लेम सुरु हुआ है। ये “राम” चोर भी हैं।

ये दुर्गापूजा यहाँ का भूखंड में 1200AD से पहले क्यों नहीं दीखता? दुर्गा नाम ही हमारे इतिहास में 1200AD के बाद पैदा हुआ। इसका भी ज्ञान हमें दो! दुर्गा एक काल्पनिक चरित्र हैं।

क्यों जातिवादी गपोड़वाज ज्ञान बाँट रहे हो। अगर रावण श्रीलंका का था तो सिंघली बोलता होगा वह कैसे राम से बात कर पाया? बौद्ध जातक कथा से जातिवादी राम चुराया है।

पाखंडी हिन्दू सावरकर की “हिंदुत्व: हिंदू कौन है?” जरूर पढ़ें दोगले पाखंडी नकली हिन्दू कैसे होते हैं उसको जानें ।

हिंदुत्व

This entry was posted in Uncategorized. Bookmark the permalink.

Leave a comment